यूपी के इस शहर में लुभा रहे बांस के बने उत्पाद, दीपावली पर बढ़ी मांग

LHC0088 2025-10-11 23:37:31 views 922
  



जितेंद्र पाण्डेय, जागरण गोरखपुर। दीपावली पर सजावट की मांग के चलते कैंपियरगंज के लक्ष्मीपुर स्थित कामन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) में तैयार हो रहे बांस के उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है। यहां तैयार उत्पादों की गुणवत्ता व डिजाइन लोगों को खूब लुभा रही है। दीपोत्सव को देखते हुए बाजार में इन उत्पादों की खास मांग बनी हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सीएफसी में बांस उत्पाद के ठीकेदार सिकंदर ने बताया कि यहां तैयार हो रहे बांस के स्टैंड, फ्लावर स्टैंड, गुलदस्ता, नाइटलैंप, गोरखनाथ मंदिर का माडल, नाव, कप, कुर्सी-मेज समेत कई सजावटी व उपयोगी वस्तुओं को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। खासकर दीपावली के मौके पर घरों को सजाने के लिए इन सामानों की मांग बाजारों में तेजी से बढ़ी है।

इन उत्पादों को तैयार करने में 300 से अधिक महिलाएं व पुरुष प्रतिदिन जुटे हैं। यह केंद्र न केवल स्थानीय महिलाओं को रोजगार दे रहा है, बल्कि उनके हुनर को भी नई पहचान मिल रही है। बांस से बनने वाले ये सभी उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल (इको फ्रेंडली) हैं और इनका उपयोग त्योहारों के साथ-साथ नियमित जीवन में भी किया जा सकता है।

सिकंदर ने बताया कि बांस नाव की कीमत 150 रुपये, कप 100 रुपये, कुर्सी-मेज 3,000 रुपये, गोरखनाथ मंदिर 5,000 रुपये समेत अन्य अलग-अलग कीमत में बाजार में पहुंच रही है।

यह भी पढ़ें- फुल हुआ गोरखपुर चिड़ियाघर का अस्पताल, तेंदुए-बाघों से भरे सेल

18 से 25 हजार रुपये कमा रहे बनाने वाले

ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित यह सीएफसी आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुका है। दीपावली के मद्देनजर यहां का उत्पादन दोगुणा किया गया है ताकि मांग के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। सिकंदर ने बताया कि बांस का उत्पाद बनाने वाले एक-एक महिलाएं व पुरुष 18 से 25 हजार रुपये तक महीने में कमा रहे हैं। ये सभी पूर्ण रूप से प्रशिक्षित हैं। जिन लोगों ने हाल में प्रशिक्षण लेकर उत्पाद बनाना शुरू किया है, वे भी छह से 12 हजार रुपये महीने कमा रहे हैं।

3.55 करोड़ रुपये में बना था सीएफसी सेंटर

चार वर्ष पहले वन विभाग ने एक संस्था के जरिए लक्ष्मीपुर में 25 लोगों को बांस के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिलवाया। इसमें बांसफोड़ समाज के 50 प्रतिशत और इसके बाद आर्थिक रूप से जरूरतमंदों को शामिल किया गया। एक महीने के प्रशिक्षण के बाद ये सभी जब उत्पाद बनाने लगे तो क्षेत्र के लोगों ने भी प्रशिक्षण पाने की इच्छा जताई। इसके बाद वन विभाग ने प्रशिक्षण का क्रम जारी रखा और नेशनल बंबू मिशन योजना के तहत यहां पर केंद्र सरकार की मदद से 3.55 करोड़ रुपये से सीएफसी सेंटर का निर्माण कराया। जहां पर महिलाओं और पुरुषों को प्रशिक्षण देने के बाद बांस के उत्पाद बनाने का कार्य चल रहा है।


कैंपियरगंज के लक्ष्मीपुर सीएफसी में 300 से अधिक महिलाएं व पुरुष प्रशिक्षण पाने के बाद बांस का उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इन उत्पादों से होने वाली आमदनी को वस्तुओं की लागत निकालकर उनमें बांट दिया जाता है। दीपावली में सजावटी सामानों की मांग ज्यादा है। ठीकेदार के माध्यम से इसका निर्माण कराया जा रहा है। इसके बाद बाजार में भेजा जाता है। हालांकि ठीकेदार के बीमार होने के चलते बाजार की डिमांड के अनुसार कम उत्पाद का निर्माण हो रहा है।
-

- विकास यादव, डीएफओ।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.