7.60 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे 38 आदर्श गांव।
जागरण संवाददाता, बहराइच। भारत सरकार द्वारा जिले को भेजी गई सूची में शामिल 38 गांवों को आदर्श बनाने के लिए 7.60 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित गांवों में काम करने के लिए प्रत्येक गांव में 20-20 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। दो साल बाद इस योजना को फिर से शुरू किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले में वर्ष 2019 में शासन ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित की थी। इस योजना के तहत जिले के 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों को आदर्श ग्राम बनाने के लिए चुना गया है। सूची भारत सरकार द्वारा समाज कल्याण विभाग को भेजी गई है।
इन गांव में छूटे विकास कार्य कराने के लिए 20-20 लाख रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है। गांवों का सर्वे कराकर विकास योजनाओं में जो कार्य छूट गए हैं उनका ब्योरा दर्ज किया जा रहा है।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक के बाद पहले संबंधित विभाग के माध्यम से छूटे कार्य कराए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर 20 लाख के बजट से धनराशि खर्च होगी। दिसंबंर 2025 तक इन गांवों को आदर्श के रूप में स्थापित करना है।
यह गांव बनेंगे आदर्श
कोयालहवा, दूहरु, रसूलपुर, ताज खोदाही, भघौरा, इटौंजा, धरसनवा, भधौली, कयरा हसन, फकीर चक, चर्दा चंदन, सुसरौली, मझौव्वा, टांडा जलाल, अहिटाड, बिबियापारा, सिदराखी, पिपरी मोहन, पूरे सीताराम, विश्राम गांव, गौरा पिपरा, सर्रा, बखारी, चित्तीहवा, मझगवा,बरगदाहा चिलबिलिया, रामपुर हुसैन, झउहना, सेहोनगर, पैड़ी, मधनगर, बेहटा, अलीनगर, खुदाद भारी, बंगाले, जरबाधिया, बालनाजर कोदारी।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 38 गांवों को चिह्नित किया गया है। अधूरे काम पूरे कराने के लिए शासन से 20-20 लाख रुपये का बजट मिला है। जल्द ही गांवों को आदर्श ग्राम घोषित किया जाएगा। -श्रद्धा पांडेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बहराइच। |