बदलते मौसम में आहार, व्यायाम व आराम रखेगा स्वस्थ, जंकफूड से करें परहेज

Chikheang 2025-10-22 19:07:19 views 535
  

जंकफूड से करें परहेज



जागरण संवाददाता, पटना। दाना तूफान के प्रभाव से पड़ी हल्की फुहारों ने अचानक राजधानीवासियों को ठंड का अहसास कराना शुरू कर दिया है। इस बदलाव के चलते कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले बहुत से लोग सर्दी-खांसी, बुखार, सिर में भारीपन, थकान आदि रोगों की चपेट में आ गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पीएमसीएच में टीबी एंड चेस्ट रोग के विभागाध्यक्ष डा. पीके अग्रवाल व न्यू गार्डिनर रोड के निदेशक डा. मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि गुनगुना पानी पी शरीर को हाइड्रेट रखने, घर का बना पौष्टिक आहार, हरी सब्जियों व फलों के सेवन, नियमित व्यायाम-योग व आराम यानी सात से आठ घंटे की नींद बदलते मौसम के दुष्प्रभाव से बचाने में मददगार होगी। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है लेकिन वे स्वस्थ हैं तो उन्हें नींबू, संतरे जैसे खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए व बाहर के खाने या जंकफूड सेवन से परहेज करना चाहिए।

साफ-सफाई व प्रदूषण से बढ़ी श्वांस रोगियों की समस्या  

डा. पीके अग्रवाल ने बताया कि दिवाली पर घरों में कई दिन तक साफ-सफाई चलती रहती है। वहीं सुबह-शाम ठंड से प्रदूषण भी बढ़ गया है। इसमें पीएम-2.5 कण सांस के साथ फेफड़े में पहुंच जाते हैं, इससे उनका दम फूलने लगता है। कई बार तो ऑक्सीजन लेवल इतना कम हो जाता है कि रोगियों को भर्ती तक कराना पड़ता है।

पीएमसीएच के पल्मोनरी विभाग के अधिसंख्य बेड इसी कारण भरे हैं व ओपीडी में भी रोगियों की संख्या बढ़ी है। वहीं, शिशु रोग विशेषज्ञ डा. बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कई बच्चों को सांस लेने में परेशानी के कारण नेबुलाइज करना पड़ रहा है।

एलर्जी व पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ीं

डा. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि दिवाली के समय मौसम में बदलाव सामान्य बात है। हर मौसम का स्वास्थ्य पर अच्छा या खराब प्रभाव पड़ता है। बदलते मौसम में एलर्जी, पाचन संबंधी रोगों, जोड़ों में दर्द, शरीर में पानी की कमी, सर्दी-जुकाम, खांसी व वायरल बुखार के मामले बढ़ जाते हैं। तापमान का प्रभाव शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। 18 से 25 डिग्री सेल्सियस में मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इससे कम या ज्यादा होने पर चिड़चिड़ापन, गुस्सा, तनाव, नींद में बदलाव आदि की समस्या आ सकती है। ऐसे मौसम में सावधानी बरतने की अपील की गई।

  

दीपावली की दो दिन की छुट्टी के बाद मंगलवार को जब शहर के सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी खुली तो मरीजों की संख्या सामान्य से कम रही। त्योहारी माहौल तथा रविवार और सोमवार को ओपीडी बंद रहने के बाद भी मरीजों की संख्या कम रही। पटना मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (पीएमसीएच) में 1258, आइजीआइएमएस में 1600 से अधिक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में 150 और एलएनजेपी में 200 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया।

आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि त्योहारी सीजन का असर दिख रहा है। इसमें ज्यादा जरूरत वाले मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। जलने के साथ-साथ सांस की तकलीफ वाले मरीज भी अधिक रहे। पीएमसीएच अधीक्षक डा. आईएस ठाकुर ने बताया कि भीड़ की आशंका को देखते हुए सभी वरिष्ठ डाक्टरों की ड्यूटी पहले से निर्धारित कर दी गई थी, ताकि मरीजों को परेशानी न हो, लेकिन मरीज सामान्य से कम रहे।

डाक्टरों की सलाह: सतर्क रहें, खानपान में बरतें सावधानी  

चिकित्सकों का कहना है कि त्योहार के बाद अचानक मौसम में बदलाव और प्रदूषण के कारण बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि भारी वसायुक्त भोजन से परहेज करें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और अगर सांस या पेट संबंधी कोई भी समस्या हो तो डाक्टर से तुरंत संपर्क करें।

हिचकें नहीं, जैसा मौसम पहनें वैसे कपड़े  

मौसम के अनुसार कपड़े पहनें, यदि ठंड लग रही है तो उसके अनुसार कपड़े पहनें, हिचकें नहीं। l शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें। l बाहर के बजाय घर में बना भोजन लें, इसमें मौसमी सब्जियों व फलों की मात्रा अधिक रखें। l नियमित रूप से टहलें या हल्के व्यायाम, योग व आसन आदि करें ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे। l दिनचर्या को नियमित रखें, यानी सोने-जागने, खाने-नाश्ते आदि का समय निश्चित रखें, आलस्य नहीं करें।  

घर व आसपास साफ-सफाई रखें, एलर्जी या अस्थमा आदि के लक्षणों पर नजर रखें व तुरंत दवा या इन्हेलर लें। l अच्छी नींद से शरीर व दिमाग को आराम मिलता है। इससे शरीर में ताजगी रहती है व इम्युनिटी बढ़ती है। l विटामिन डी जो रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करती है, उसके लिए नियमित रूप से कुछ समय धूप में रहें।

ओपीडी में 25 प्रतिशत मरीजों को सांस लेने में तकलीफ पटाखों के अधिक इस्तेमाल से सांस संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। ओपीडी में पहुंचे करीब 25 प्रतिशत मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और दम फूलने की शिकायत थी। इनमें से अधिकतर मरीज 30 से 45 वर्ष की उम्र के थे। पटाखों के धुएं में अधिक समय तक रहने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ गई।

इसके अलावा त्योहार के दौरान तली-भुनी और भारी चीजें खाने से पेट दर्द, गैस, अपच और दस्त जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई। ओपीडी में वायरल बुखार, सर्दी-खांसी, गले में खराश व बदन दर्द की शिकायतों के साथ मरीज लगातार पहुंचते रहे जिनका उपचार किया गया।
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