यूपी के इस जगह पर संत मुकुंदवन ने की थी साधना, इस तरीके से शुरू हुआ कार्तिक मेला

cy520520 2025-11-4 18:37:19 views 797
  



जागरण संवाददाता, रायबरेली। पचनद की खूबसूरती और फिर से पर्यटकों को लुभाता राजशाही किला कभी दस्युओं की पनाहगाह बन गया था, आज समय ने उन सारे घावों को भर दिया और उस गौरवशाली इतिहास के धनी जगम्मनपुर की खूबसूरती फिर लौट आई है। पांच नदियों यमुना, चंबल, सिंध, क्वारी, पहुज का यह संगम स्थल पचनद धार्मिक पौराणिक घटनाओं के कारण महत्वपूर्ण है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सन 1603 ई. में वन संप्रदाय के 19वें सिद्ध संत मुकुंदवन (श्री बाबा साहब) महाराज व उनके शिष्य मंजूवन जब पंचनद आश्रम पर साधनारत थे उसी समय रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास उनसे भेंट करने पचनद आए थे। सेंगर क्षत्रिय राजाओं के समृद्धशाली राज्य की सीमा दसवीं शताब्दी में पंचनद के समीप यमुना तट पर इटावा से बांदा तक फैली थी।

इसी पवित्र तट पर आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों की भीड़ जुटेगी और पुण्य स्नान का लाभ पाएगी। इसके लिए प्रशासन ने पूरी व्यवस्था कर ली है, मेले में दुकानें लगने के साथ सजावट शुरू हो गई है। इटावा, औरैया और जनपद की ओर से जाने वाले वाहनों का रूट डायवर्जन भी किया गया है।

कार्तिक पूर्णिमा पर नदियों व संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है। पांच नदियों के संगम पचनद पर कई राज्यों से लोग स्नान करने आते हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने घाट के चारों तरफ विशेष व्यवस्था की है। कोई दुर्घटना न हो इसके लिए नाविकों को लगाया गया है और पुलिस के तैराक जवान भी सादी वर्दी में तैनात रहेंगे। गोताखोरों की एक विशेष टीम हमेशा घाट पर मौजूद रहेगी जिससे कि अगर कोई नदी के बहाव में डूबता है तो तुरंत उसे बचाया जा सके।

इटावा बिठोली की तरफ से मंदिर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है। छोटे वाहनों को कंजौसा जगम्मनपुर होते हुए निकाले जाएंगे। थाना अयाना की तरफ भी जाने वाले वाहन पूरी तरह से बंद रहेंगे। पचनद संगम पर मेले की तैयारी पूरी हो गई हैं और दुकानों के साथ झूले भी लगे हुए हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर पचनद में एक लाख के लगभग श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। मंगलवार को भी जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार ने घाट पर निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
बकरियों की सबसे अधिक होती खरीद

मेले में दूसरी तरफ बकरियों का बड़ा मेला लगता है। जहां पर राजस्थान अलवर की बकरियों को लेकर व्यापारी आते हैं। इन बकरियों की लंबी कद काठी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहती है। इस कारण यहां दूर दराज से व्यापारी आकर इन बकरियों व बकरों की खरीद करते हैं। इस मेले को देखने के लिए भी लोग दूर-दूर से यहां आते हैं।ॉ


कार्तिक पूर्णिमा को लेकर पचनद धाम पर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करा दी गई हैं। पार्किंग से लेकर स्नान घाट तक पुलिस जवानों की ड्यूटी लगी रहेगी जिससे किसी को परेशानी न हो।

-अंबुज यादव, सीओ माधौगढ़।  
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