जमीन अधिग्रहण पर अटकी एलिवेटेड रोड परियोजना, DM ने दिखाई सख्त

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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण



जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी दून में ट्रैफिक जाम की समस्या दिनों दिन बेकाबू स्थिति की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में यातायात सुधार के लिए प्रस्तावित महत्वकांक्षी परियोजनाओं पर धरातल पर जल्द काम शुरू करना होगा। रिस्पना और बिंदाल नदी पर 6200 करोड़ रुपए से बनने वाली एलिवेटेड रोड परियोजना पर जनवरी 2024 से धरातल पर कसरत तेज की जा रही है, लेकिन अभी तक पहले चरण के जमीन अधिग्रहण के काम भी पूरे नहीं किए जा सके हैं। परियोजना की धीमी प्रगति को तोड़ने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक लेते हुए अधिकारियों के पेच कसे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि रिस्पना और बिंदाल नदी पर प्रस्तावित करीब 26 किलोमीटर की दो रोड परियोजनाओं में बड़े स्तर पर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। साथ ही बेघर होने वाले व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए भी जमीन की आवश्यकता है। ऐसे में उन्होंने नगर निगम और एमडीडीए से अपनी अपनी जमीन का ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा।

इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि परियोजना के दायरे में जिन जिन विभागों की भूमि आ रही है, उनका विवरण भी उपलब्ध कराया जाए। ताकि धारा 11 के अथत भूमि अधिग्रहण के लिए प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन किया जा सके।

जिलाधिकारी ने चेताया कि यह परियोजना मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। ऐसे में किसी भी शिथिलता के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। बैठक में विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी स्मृता परमार, उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी, उपजिलाधिकारी सदर हरि गिरि, उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, एनएचएआइ के परियोजना निदेशक विशाल गुप्ता, लोनिवि के अधीक्षण अभियंता ओपी सिंह आदि उपस्थित रहे।

एलिवेटेड रोड परियोजना का विवरण
रिस्पना नदी

  • प्रस्तावित एलिवेटेड कारिडोर की लंबाई 10.365 किमी।
  • कुल 49.04 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी।
  • 42.89 हेक्टेयर सरकारी भूमि, 4.01 हेक्टेयर निजी भूमि, 2.1 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है।
  • इसमें 1022 संरचनाएं (पक्के/कच्चे) शामिल हैं।


बिंदाल नदी

  • बिंदाल कारिडोर की लंबाई 14.264 किमी।
  • कुल 55.90 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी।
  • 31.07 हेक्टेयर सरकारी भूमि, 15.67 हेक्टेयर निजी भूमि, 2.22 हेक्टेयर वन भूमि और 6.92 रक्षा संपदा की भूमि शामिल है।
  • कुल 1656 संरचनाएं (पक्के/कच्चे) शामिल हैं।


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डेढ़ साल से 15 प्रतिशत पर अटकी आशारोड़ी-झाझरा फोरलेन परियोजना
दिल्ली-देहरादून और पांवटा साहिब राजमार्ग के बीच आवागमन करने वाले यात्रियों को देहरादून शहर में प्रवेश न करना पड़े, इसके लिए आशारोड़ी-झाझरा के बीच नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। करीब 12 किलोमीटर लंबी परियोजना में डेढ़ वर्ष से काम चल रहा है, जबकि प्रगति अधिकतम 15 प्रतिशत पर अटकी है।

जिलाधिकारी बंसल ने कार्यदाई संस्था भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपजिलाधिकारी सदर और उपजिलाधिकारी विकासनगर के साथ समन्वय बनाकर धरातलीय निरीक्षण कराया जाए। ताकि ईस्ट होपटाउन और आर्केडिया ग्रांट में ग्रामीणों के अवरोध के साथ ही वन भूमि के लंबित मामले का निस्तारण किया जा सके। इसके अलावा देहरादून-हरिद्वार रोड पर सड़क सुधारीकरण और अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी बैठक में जारी किए गए।
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