Paush Amavasya 2025 (AI Generated Image)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या तिथि को मंत्र जप, दान-पुण्य और दीपदान के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। इसके साथ ही पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए भी यह एक उत्तम तिथि है। पंचांग के अनुसार, इस बार पौष माह की अमावस्या 19 दिसंबर को मनाई जाएगी। ऐसा में अगर आप भी इस तिथि पर पितरों की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो पौष अमावस्या (Paush Amavasya Rituals) के दिन इस तरह के पूजा कर सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस तरह करें पूजा (Paush Amavasya 2025 Puja Vidhi)
सबसे पहले पौष अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि आपके लिए ऐसा करना संभव नहीं है, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद पितरों की तस्वीरों को साफ करके फूल-माला चढ़ाएं।
राहु काल में भगवान शिव की पूजा करें और रात के समय घर की दक्षिण दिशा में काले तिल डालकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही इस दिन पर पीपल के पेड़ की पूजा करें और आटे का चौमुखा दीपक बनाकर इसे पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल में काले तिल डालकर जलाएं। इसके बाद 7 बार परिक्रमा करें, जिससे पितरों को शांति मिलती है।
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पितरों की कृपा प्राप्ति के मंत्र -
अमावस्या के दिन पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप भी जरूर करें -
1. ऊं पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा
2. ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्
3. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
4. ऊं पितृ देवतायै नमः
5. ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च, नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
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जरूर करें ये काम (Paush Amavasya Rituals)
अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान-पुण्य भी जरूर करें। इस दिन पर आप काले तिल, अन्न, गुड़ व कंबल या ऊनी कपड़ों का दान कर सकते हैं। साथ ही इस दिन पर कौआ, चिड़िया, गाय, कुत्ते को भोजन खिलाएं। अमावस्या के दिन इन उपायों को करने से पितरों का आशीर्वाद साधक पर बना रहता है।
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