कोल्ड वेव के बीच New Year 2026 की करें तैयारी, ठंड-कोहरे से राहत की उम्मीद नहीं

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North Bihar Cold Wave: ठंडी हवाओं के कारण लोगों को अलाव व गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा। जागरण  



संवाद सहयोगी, पूसा (समस्तीपुर)। Bihar Weather Update: उत्तर बिहार में कोल्ड वेव का असर लगातार गहराता जा रहा है। नए साल 2026 के आगमन से पहले ही ठंड ने पूरी तरह से अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।

बीते एक सप्ताह से जिले में मौसम सर्द बना हुआ है और शुक्रवार को भी दिनभर सूर्य के दर्शन नहीं हो सके। आसमान में बादल और घना कुहासा छाया रहा, जिससे जनजीवन प्रभावित रहा।

मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

ठंडी पछुआ हवाओं और धूप के अभाव के कारण दिन में भी लोगों को अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ा। सुबह और शाम के समय ठिठुरन बढ़ने से सड़कों और बाजारों में आवाजाही भी कम नजर आई।

डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम वैज्ञानिक डा. ए. सत्तार ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय मौसमीय सिस्टम का प्रभाव उत्तर बिहार के जिलों में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है।

लगातार चल रही पछुआ हवाओं और वातावरण में नमी के कारण ठंड का प्रभाव और बढ़ सकता है। जेट स्ट्रीम के असर से आने वाले दिनों में कोल्ड वेव जैसी स्थिति बनी रहने की संभावना है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले चार से पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहने का अनुमान है, लेकिन सुबह के समय मध्यम से घना कुहासा छाया रह सकता है।

इस दौरान अधिकतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच बने रहने की संभावना है। 5 से 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ठंडी हवाएं ठंड के अहसास को और तीव्र करेंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

लगातार बढ़ती ठंड का असर आम जनजीवन पर साफ दिखाई देने लगा है। सुबह और शाम के समय लोग अनावश्यक रूप से घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं।

बाजारों में भी पहले की तुलना में भीड़ कम है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अलाव जलाकर ठंड से बचाव करते नजर आ रहे हैं।

कोल्ड वेव का प्रभाव खेती-किसानी पर भी पड़ रहा है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि तापमान-संवेदनशील फसलों में पर्याप्त नमी बनाए रखें। टमाटर, मटर और आलू जैसी फसलों पर ठंड का प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

सब्जी वाली फसलों में समय-समय पर सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान देने की जरूरत बताई गई है। गेहूं की फसल में यदि 40 से 45 दिन पूरे हो चुके हैं तो दूसरी सिंचाई के साथ नत्रजन का उपरिवेशन लाभकारी बताया गया है।

कुल मिलाकर, ठंड और कोहरे के बीच उत्तर बिहार नए साल 2026 के स्वागत के लिए तैयार है। हालांकि मौसम की सख्ती के चलते जश्न में सावधानी जरूरी होगी।

ठंड से राहत के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं, ऐसे में लोगों को सतर्कता और सावधानी के साथ नए साल का स्वागत करने की सलाह दी जा रही है।
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