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डॉग लवर्स की बढ़ी मुसीबत: दिल्ली में आवारा कुत्तों के लिए बने 100 फीडिंग प्वाइंट पर ही खिलाना होगा खाना, नहीं तो...

deltin33 2025-12-29 00:57:23 views 323
  

बंगाली मार्केट में लेडी इरविन कालेज के निकट फुटपाथ पर एनडीएमसी ने चिन्हित किए आवारा कुत्तों के लिए खाना खिलाने का स्थान। हरीश कुमार



निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने (एनडीएमसी) ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए फीडिंग प्वाइंट बनाने का कार्य पूरा कर लिया है। हालांकि, एमसीडी अभी भी कछुआ चाल चल रही है। मात्र 300 के करीब ही फीडिंग प्वाइंट एमसीडी ने चिह्नित करने का कार्य कर पाया है जबकि दिल्ली कैंट तो अपनी स्थिति बताने को भी तैयार नहीं है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दायर हो सकता है मुकदमा

एनडीएमसी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उसने अपना फीडिंग प्वाइंट बनाने के लक्ष्य को पूरा कर लिया है। अब कोई भी नागरिक तय स्थानों से अतिरिक्त आवारा कुत्तों को खाना खिलाता है तो उस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मुकदमा दायर हो सकता है। इसलिए एनडीएमसी ने अपने नागरिकों से अपील की है चिन्हित स्थान पर ही आवारा कुत्तों को खाना खिलाएं।

एनडीएमसी के अनुसार, उसने रेजिडेंट वेलफेयर और मार्केट एसोसिएशन के साथ मिलकर फीडिंग प्वाइंट बनाने की प्रक्रिया का पालन किया था। जिसमें लोगों के सुझाव के अनुसार प्रत्येक कालोनी में फीडिंग प्वाइंट बनाए जाए। एनडीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हमने 100 प्वाइंट बनाए हैं।

इसमें हमने सभी 14 सर्किल को इसमें शामिल किया है। साथ ही प्रमुख मार्केट और कालोनी भी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि हमने ऐसे स्थान चिह्नित करने की कोशिश की हैं जहां पर बच्चों और नागरिकों की कम आवाजाही है। ताकि यहां पर कोई भोजन खिलाए तो दूसरे लोगों को नुकसान न पहुंचे।
एमसीडी की कछुआ चाल, लोग परेशान

आवारा कुत्तों के लिए फीडिंग प्वाइंट बनाने को लेकर एमसीडी की कछुआ चाल है। अभी भी सभी वार्ड में यह फीडिंग प्वाइंट निर्धारित नहीं हो पाए हैं। इससे लोग परेशान हैं। यूनाइटेड रेजिडेंट ज्वाइंट एक्शन (ऊर्जा) के अध्यक्ष अतुल गोयल कहते हैं कि इसको लेकर एमसीडी क्या कर रही है किसी को जानकारी नहीं है। कुछ एक स्थानों पर फीडिंग प्वाइंट बनाए जरुर हैं लेकिन कोई उसका पालन नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि फीडिंग प्वाइंट बनाने के बाद एमसीडी द्वारा लोगों में जागरुकता का अभाव है।
एमसीडी और एनडीएमसी के लिए बढ़ी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत एनडीएमसी और एमसीडी को ऐसे स्थान जहां छोटे बच्चे आते-जाते हों वहां से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में भेजना है। मगर एमसीडी और एनडीएमसी इस पर कोई खास कार्य नहीं कर पाए हैं। अभी तक एनडीएमसी ने कोई शेल्टर होम निर्धारित ही नही किया है जबकि एमसीडी इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर जगह चिह्नित करने में ही लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आए भी तीन माह का करीब का समय हो गया है।
कुत्तों को लेने से कर रहे इनकार

नियमानुसार स्थानीय निकायों को पार्कों, अस्पतालों, स्कूलों और खेल परिसरों के अंदर से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में डालना है। ऐसे कुत्तों को बंध्याकरण केंद्र चलाने वाले एनजीओ भी लेने को तैयार नहीं हैं। क्योंकि, उनके पास सिर्फ कुत्तों का बंध्याकरण कराने के लिए आवारा कुत्तों को रखने का स्थान मौजूद है। वहीं, स्थायी रूप से आवारा कुत्तों को रखने के लिए कोई स्थान ही नहीं है। इस वजह से वे इन कुत्तों को लेने से इन्कार कर रहे हैं।
इन प्रमुख स्थानों पर इतने बने फीडिंग प्वाइंट

एनडीएमसी ने जो फीडिंग प्वाइंट बनाए हैं उसमें मार्केट से लेकर रिहायशी इलाके भी शामिल किए गए हैं। इसमें सरोजनी नगर मार्केट में चार फीडिंग प्वाइंट, खन्ना मार्केट में एक, खान मार्केट में तीन, बेगम जेदी मार्केट में तीन, प्रेस क्लब के पीछे एक, शंकर मार्केट में चार फीडिंग प्वाइंट बनाए हैं। वहीं, लोदी गार्डन से लेकर खान मार्केट जैसे इलाकों में फीडिंग प्वाइंट नहीं बनाए गए हैं।

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