रामजीलाल सुमन।
जागरण संवाददाता, आगरा। देश में औरंगजेब पर छिड़ी बहस और विवाद के मध्य 21 मार्च को राज्यसभा में सपा के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन के बयान से देश की सियासत में भूचाल आ गया। राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद उनका विरोध शुरू हो गया। शहर में उनके विरुद्ध प्रदर्शन के साथ ही मुकदमे दर्ज करने को तहरीर दी गईं। 26 मार्च काे उनके एचआइजी फ्लैट संजय प्लेस स्थित घर पर करणी सेना ने जमकर तोड़-फोड़ की। पथराव में पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए। विरोध के बावजूद सुमन अपने बयान पर अड़े रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
महाराणा सांगा पर दिए बयान के बाद घर पर करणी सेना ने किया हमला
करणी सेना ने एत्मादपुर के गढ़ी रामी में 12 अप्रैल को स्वाभिमान रैली की। 19 अप्रैल को उनके घर पर अखिलेश यादव पहुंचे। सुमन के काफिले पर 27 अप्रैल को अलीगढ़ में हमला भी हुआ। पुलिस ने इसके बाद कई बार उन्हें उनके घर में ही नजरबंद किया, जिस पर उनकी तीखी तकरार हुई।
चार दिसंबर को पुलिस ने करणी सेना के ओकेंद्र राणा समेत नौ लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की, लेकिन वीरू प्रताप को आरोपित नहीं बनाया। अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन के खिलाफ एमपी-एमएल कोर्ट में वाद भी दायर कर रखा है।
सपा ने हटाए सभी पदाधिकारी, दिसंबर में मिला नेतृत्व
सपा ने दो जून को आगरा की महानगर व जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया। प्रदेश संगठन और फ्रंटल संगठनों में शामिल आगरा के सभी पदाधिकारियों को भी हटा दिया गया। दिसंबर में पार्टी ने पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले पर चलते हुए महानगर में शब्बीर अब्बास और जिले में उदल सिंह कुशवाह को कमान सौंपी। |
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