महाराज कंस के दरबार में मुख्यमंत्री मोहन माझी। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, संबलपुर। प्रसिद्ध बरगढ़ धनुयात्रा महोत्सव के सातवीं शाम, महाराज कंस का दरबार का दृश्य लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। इस मंच पर मुख्यमंत्री मोहन चरन माझी उपस्थित होकर नागरिकों के समक्ष बरगढ़ जिले में किए गए विकास कार्यों का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया। दरबार पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री हाथी पर सवार होकर बरगढ़ शहर का परिक्रमा किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि बरगढ़ जिले में कुल 1362 करोड़ रुपये की लागत से 123 परियोजनाओं का एक साथ शुभारंभ और लोकार्पण किया गया है। इनमें 980.58 करोड़ रुपये की 85 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई तथा 382.26 करोड़ रुपये की 38 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।
मुख्यमंत्री ने मंच से 380 करोड़ रुपये की लागत वाली 4 नई परियोजनाओं की घोषणा की, जिनमें 132 करोड़ रूपए की लागत से बरगढ़ के जिरा नदी पर सीवेज शोधन संयंत्र, बरगढ़ के हाटपड़ा में 30 करोड़ रूपए की लागत से वेंडिंग जोन, बरगढ़ सदर क्षेत्र में 65 करोड़ रूपए की लागत से अटल बस स्टैंड, ग्रींडोला में 150 करोड़ रूपए की लागत से अंतर–नदी जलाशय निर्माण और धनुयात्रा के लिए विशेष एवं भव्य रंगमहल मंच निर्माण हेतु 12 करोड़ 80 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई।
इसके साथ ही बरगढ़ नहर के सौंदर्यीकरण के लिए 30 करोड़ 17 लाख की लागत से बॉक्स कंडइट परियोजना और जिरा नदी में 114 करोड़ 87 लाख रूपए की लागत से अंतर–नदी जलाशय भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री माझी ने सामाजिक योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सुभद्रा योजना के अंतर्गत 3 लाख 41 हजार माताओं को 10 हजार रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की गई है।
इसके अतिरिक्त खरीफ–रबी 2024–25 के अंतर्गत 2 लाख 41 हजार किसानों से धान क्रय कर 13 लाख 99 हजार मीट्रिक टन धान हेतु 4338 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि धनुयात्रा न केवल संस्कृति और अध्यात्म का संगम है, बल्कि यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है। इसी कारण राज्य सरकार द्वारा धनुयात्रा अनुदान को एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है और 200 उत्कृष्ट कलाकारों को 10 -10 हजार रुपये की सम्मान राशि दी गई है।
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री माझी ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ईमानदारी का संदेश देते हुए कहा भ्रष्टाचार से दूर रहें, अन्यथा कार्यवाही के लिए विजिलेंस सदैव तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि धनुयात्रा को यूनेस्को मान्यता दिलाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। |