Bihar Election 2025: हिंदू को टिकट देने लगे ओवैसी, तो जदयू-भाजपा ने बिछाई ऐसी बिसात... मुस्लिम बहुल सीटों पर ये है तैयारी

LHC0088 2025-10-13 17:06:18 views 1267
  

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी।



जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar Election 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। दूसरे चरण की सभी 122 सीटों के नामांकन की प्रक्रिया आज, सोमवार, 13 अक्टूबर से शुरू हो गई है। एनडीए के घटक दलों जदयू, भाजपा, लोजपा, हम आदि में सीट बंटवारे के बाद अब प्रत्याशियों के नाम का एलान होने जा रहा है। टिकटों के बंटवारे के साथ ही तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इधर, असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने अबकी बिहार चुनाव 2025 में हिंदू उम्मीदवारों को भी टिकट देने की घोषणा की है। यहां एकसाथ पढ़ें मुंगेर, भागलपुर, किशनगंज, खगड़िया, बांका, सहरसा, सुपौल आदि जिले में कैसे चल रहीं चुनावी गतिविधियां... विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में जदयू की सियासी बिसात

मुंगेर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें मोकामा और बाढ़ पटना जिला अंतर्गत हैं। लखीसराय और सूर्यगढ़ा लखीसराय जिले में है। जबकि मुंगेर एवं जमालपुर मुंगेर जिले में हैं। मुंगेर जिले का एक विधानसभा क्षेत्र तारापुर जमुई लोकसभा क्षेत्र में है। इस बार के विधानसभा चुनाव में जदयू मुंगेर संसदीय क्षेत्र एवं जिले में अपनी दावेदारी को मजबूत करना चाह रहा है। पार्टी ने मुंगेर जिले और लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़ा, लखीसराय, बाढ़ और मोकामा पर चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। लक्ष्य है कि इन सीटों पर जदयू का प्रभाव इतना बढ़े कि 2029 के लोकसभा चुनाव तक राजनीतिक आधार अटूट रहे।

मुस्लिम बहुल सीटों पर है एआइएमआइएम की नजर

ओवैसी की पार्टी एएमआइएमआइएम की नजर सीमांचल ही नहीं, बिहार के अन्य मुस्लिम बहुल सीटों पर भी है। पहली सूची में 32 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा पार्टी ने की है। इनमें सीमांचल के किशनगंज के बहादुरगंज, ठाकुरगंज, कोचाधामन और किशनगंज, पूर्णिया जिले के अमौर, बायसी और कस्बा, कटिहार के बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी और कदवा, अररिया के जोकीहाट और अररिया, शामिल है। जबकि गया के शेरघाटी और बेला, मोतिहारी के ढाका और नरकटिया, नवादा के  नवादा शहर, जमुई के सिकंदरा, भागलपुर के भागलपुर और नाथनगर, सिवान के सिवान, दरभंगा जिले के जाले, केवटी, दरभंगा ग्रामीण और गौरा बौराम, समस्तीपुर के कल्याणपुर, सीतामढ़ी के बाजपट्टी, मधुबनी के बिस्फी, वैशाली के महुआ और गोपालगंज शामिल है। माना जाता है कि इन विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम वोटरों की संख्या अच्छी खासी है।

एएमआइएमआइएम से हिंदू को भी टिकट दे रहे ओवैसी

किशनगंज में एएआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने कहा कि वह हिंदू को भी इस चुनाव में टिकट दे रहे हैं। यही नहीं लोग टिकट के लिए पटना, दिल्ली नहीं जाएं इसको लेकर किशनगंज में ही उनका आवेदन लिया जा रहा है। फाइनल हैदराबाद से होगा। गठगबंधन ने उनकी नहीं सुनी इसलिए तीसरा विकल्प तैयार किया जा रहा है। हालांकि किससे गठबंधन होगा इसका खुलासा नहीं किया। सबसे खास एएमआइएमआइएम छोड़ने वालों को गद्दार बताते हुए इस बार शामिल होने वाले को अल्लाह व ईश्वर की शपथ दिलाई जा रही है।

बेलहर में पक्ष-विपक्ष की नहीं सांसद व विधायक की लड़ाई

बांका के बेलहर विधानसभा क्षेत्र में इस समय राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। यहां पक्ष-विपक्ष की लड़ाई नहीं बल्कि सांसद और विधायक के बीच लड़ाई की चर्चा हो रही है। दोनों के सुर से ऐसा लग रहा है, जबकि कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं। कुछ कार्यकर्ता दोनों से मधुर संबंध रखना चाहते हैं, जबकि कुछ खुलना भी शुरू कर दिए हैं। जदयू विधायक मनोज यादव ने कहा कि सांसद गिरिधारी यादव को लड़ना है तो खुलकर लड़े। बेटा तो पार्टी में कुछ है भी नहीं। इधर, सांसद गिरिधारी यादव ने कहा कि मनोज यादव ने खुद पार्टी के साथ भितरघात किया है। इस कारण उसे बोलने का मुंह नहीं है। ज्ञात हो कि यहां से सांसद गिरिधारी के पुत्र चाणक्य प्रकाश रंजन राजद के उम्मीदवार होने की संभावना है।

1990 के बाद सहरसा में ढह गया कांग्रेस का दुर्ग

आजादी के बाद से लगातार कांग्रेस का दुर्ग रहे कोसी प्रभावित सहरसा जिले में 1990 के बाद राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गया। इससे पहले 1977 को छोड़ इस जिले के तीन विधायक लहटन चौधरी, रमेश झा व चौधरी सलाउद्दीन कद्दावर मंत्री के रूप में बिहार की राजनीति को दिशा देते रहे। 1990 के बाद जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र में सिमरीबख्तियारपुर से हालांकि चौधरी महबूब अली कैशर ने दो बार जीत दर्ज कराया, जिसमें एक उप चुनाव भी शामिल हैं, परंतु लाख प्रयास के बाद भी जिले के अन्य किसी सीट पर कांग्रेस को कामयाबी नहीं मिल सकी। बिहार सरकार के लगातार मंत्री रहे चौधरी सलाउद्दीन के पुत्र महबूब अली कैशर ने उखड़ते दुर्ग को महसूस कर कांग्रेस से संबंध समाप्त कर पहले लोजपा और अब राजद के साथ हो गए। उनके पुत्र भी राजद का दामन थामकर वर्तमान में विधायक हैं। जिले के राजनीतिक इतिहास पर आधारित खबर।  (450, पांच, कुंदन कुमार,  


कर्णपुर से हुए सुपौल विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक लहटन चौधरी

सुपौल सदर प्रखंड का कर्णपुर गांव राजनीति के मामले में आजादी के पूर्व से सक्रिय रहा। कोसी के क्षेत्र में नमक आंदोलन का बिगुल कर्णपुर से फूंका गया था। आजादी के बाद जब आम चुनाव हुए तो सुपौल विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक लहटन चौधरी बने जो कर्णपुर के निवासी थे। इनके पोता जयप्रकाश चौधरी युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 1985 के लोकसभा चुनाव में यहां के चंद्रकिशोर पाठक सहरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। जब सहरसा सुपौल एक ही जिला हुआ करता था तो ये जिला परिषद के अध्यक्ष भी रहे।

बलरामपुर में सबसे अधिक व बरारी में मतदाता सूची से हटे सबसे कम मतदाता

मतदाता पुनरीक्षण कार्य के बाद कटिहार जिले में 1,84,254 वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। पुनरीक्षण के बाद प्रकाशित मतदाता सूची में अब कुल 20,44,809 वोटर हैं। हालांकि आपत्तियों की समीक्षा के बाद कुछ नामों की वापसी होने की संभव है। इस पुनरीक्षण कार्य के बाद सबसे अधिक बलरामपुर विधानसभा व सबसे कम बरारी विधानसभा में नाम कटे हैं।  


अलौली सुरक्षित से महिला को नहीं मिला कभी प्रतिनिधित्व का मौका

खगड़िया में चार विधानसभा है। इसमें अलौली(सुरक्षित) से कभी भी महिला को बिहार विधानसभा में प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिला है। हालांकि 2005  के विधानसभा चुनाव में राजद की मीरा देवी दूसरे स्थान पर रही थीं। जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू की साधना देवी दूसरे स्थान पर रही। अलौली विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2,65,486 है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 1,26,418 है। पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,39,060 है। अन्य मतदाता आठ हैं। बेलदौर विधानसभा(पहले का चौथम) से सिर्फ 2005 फरवरी के चुनाव में लोजपा से सुनीता शर्मा जीती। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3,22,348 है। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 1,52,600, पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,69, 744 है। अन्य मतदाता चार हैं।  


चुनाव में बढ़ी मेड इन मुंगेर की डिमांड, सात दिनों में पकड़ी गई सात मिनी गन फैक्ट्री

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मुंगेरिया हथियार की डिमांड बढ़ गई है। इधर, डेढ़ माह से न के बराबर मिनी गन फैक्ट्रियां पकड़ा रही थीं। लेकिन, आचार संहिता लगने के बाद से डिमांड बढ़ गई तो तस्करों ने हथियार बनाना शुरू कर दिया। छह अक्टूबर से लेकर 12 तक पुलिस ने सात मिनी गन फैक्ट्रियां पकड़ी है। एक दर्जन तस्करों की गिरफ्तारी हुई है। 20 निर्मित और 14 अर्धनिर्मित हथियार भी पुलिस ने बरामद किया है। एसपी सैयद इमरान मसूद ने बताया कि एक सप्ताह में हथियार बनाने वालों को पकड़ा गया है। चिह्नित जगहों पर पुलिस नजर रख रही है।
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