Diwali 2025: इस विधि से करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा, भर जाएगी खाली तिजोरी, ये है शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

LHC0088 2025-10-19 00:39:10 views 981
  

Diwali Kab Hai: दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन सायं 7:10 से रात्रि 9:06 बजे तक स्थिर वृष लग्न में किया जाएगा।



संवाद सहयोगी, भागलपुर। Diwali Kab Hai, Diwali 2025, Diwali 2025 Date कार्तिक मास की धन त्रयोदशी पर धनतेरस, दिवाली और महापर्व छठ के आगमन पर चारों ओर खुशहाली और उत्सवी माहौल है। त्योहार शनिवार को धनतेरस Dhanteras 2025 पर समृद्धि के अधिष्ठाता भगवान कुबेर और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वतरी की पूजा अर्चना की गई। लोग अपने घरों को तीन दिवसीय दीपोत्सव पर साफ सफाई व सजाने धजाने में व्यस्त रहे। प्रतिष्ठानों और घरों में सायं काल विशेष पूजा अर्चना हुई। Diwali 2025 Puja Muhurat विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

देशभर में चौक-चौराहे सड़क पर झालरों की लड़ियां दीपावली के त्योहार का एहसास करा रहा है। शनिवार को धनतेरस के साथ आज रविवार को यम दीप होगा। वहीं सोमवार को दीपवली मनाई जायेगाी। दीपावली ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ मानी जा रही है। इस वर्ष स्थिर लग्नों में पूजन का योग बन रहा है, जिससे मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन स्थाई समृद्धि प्रदान करने वाला रहेगा। Diwali Muhurat 2025

दीपावली, कार्तिक अमावस्या के पावन संयोग पर सोमवार को होगी। दीयों के प्रकाश में शुभलाभ, समृद्धि और आध्यात्मिक जागरण की प्रतिध्वनि के साथ देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना का यह पर्व विशेष ज्योतिषीय योग लेकर आ रहा है। स्थिर वृष लग्न और निशीथ काल में सिंह लग्न के शुभ संयोग से इस वर्ष का दीपोत्सव दीर्घकालिक फल और स्थाई सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला रहेगा।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि सोमवार को दोपहर 3:44 बजे से आरंभ होकर 21 अक्टूबर मंगलवार शाम 5:55 बजे तकरहेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, प्रदोष और निशीथ काल दोनों सोमवार को ही संयोगवश उपलब्ध हैं, अतः दीपावली उसी दिन शास्त्रोक्त विधि से मनाई जाएगी। Diwali 2025 Subh Muhurat

ज्योतिषाचार्य पंडित सचिन कुमार दुबे बताते हैं कि अमावस्या के इस दिन की शुरुआत हनुमानजी के दर्शन और पूजन से करनी चाहिए। प्रदोषकालीन दीपावली पूजन सायं 7:10 से रात्रि 9:06 बजे तक स्थिर वृष लग्न में किया जाएगा । यह काल गृहस्थों, व्यापारियों और धनलाभ की अभिलाषा रखने वालों के लिए अत्यंत अनुकूल माना गया है। यह वह समय है जब देवी लक्ष्मी और गणपति का पूजन स्थिरता देता है, अर्थात् जीवन में प्राप्त धन और सुख दीर्घकाल तक कायम रहते हैं। Diwali 2025 Date

अर्धरात्रि (निशीथ काल) में सिंह लग्न के समय रात्रि 2:34 बजे से प्रातः 4:05 बजे तक मां काली के तांत्रिक स्वरूप की उपासना की जाएगी। यह काल सिद्धिप्रद, तंत्र और साधना के अनुरूप माना गया है। देवी भगवती की तांत्रिक पूजा सिंह लग्न में करने से साहस, आत्मबल और गूढ़ ऊर्जा की प्राप्ति होती है। यह काल वैदिक और तांत्रिक साधकों दोनों के लिए प्रशस्त माना गया है।

धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि स्थिर लग्न में किया गया पूजन स्थाई फलकारी होता है। अतः दीपावली की रात्रि में वृष या सिंह लग्न में मंत्रोच्चारण, दीपदान और महालक्ष्मी पूजन करने से धन, वैभव और आध्यात्मिक संतुलन स्थिर रहता है।

दिवाली के दिन क्या करें Diwali 2025 Kab Hai

  • दीपावली की सुबह स्नान के बाद श्रीहनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।
  • सायंकाल घर के मुख्य द्वार पर शंख, स्वस्तिक और पदचिह्न अंकित करें।
  • स्थिर वृष लग्न (सायं 7:10–9:06 बजे) में लक्ष्मी-गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें।
  • अर्धरात्रि सिंह लग्न (2:34–4:05 बजे) में मां काली की तंत्रोपासना या ध्यान साधना करें।
  • घर के प्रत्येक द्वार पर दीप प्रज्ज्वलित कर पूर्व और उत्तर दिशा में विशेष दीप रखें।
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