पीएम मोदी 25 नवंबर को करेंगे राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर ध्वजारोहण, अयोध्या में कलश यात्रा के साथ महोत्सव शुरू

LHC0088 2025-11-20 23:07:27 views 418
  

अयोध्या में 85,000 करोड़ का मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट



डिजिटल डेस्क, लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में आज गुरुवार को कलश यात्रा के साथ दिव्य, भव्य, अलौकिक और गौरवशाली ध्वजारोहण महोत्सव का शंखनाद हो गया। ध्वजारोहण के अनुष्ठान का शुभारंभ कल से हो रहा है। एक भव्य कार्यक्रम के दौरान 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में अयोध्या में तैयारियां तेज हो गई हैं। ध्वजारोहण कार्यक्रम के साथ ही अयोध्या के विकास और समृद्धि की एक और गौरवगाथा का प्रारंभ हो गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

अयोध्या के पर्यटन क्षेत्र में रिकॉर्ड वृद्धि
अयोध्या अब केवल आध्यात्मिक नगरी नहीं बल्कि पर्यटन नगरी के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित कर रही है। श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या के पर्यटन में जोरदार उछाल आया है। 2020 में अयोध्या में करीब 60 लाख पर्यटक आए थे। तब अयोध्या में श्रीराममंदिर का निर्माण नहीं हुआ था। श्रीराम मंदिर का निर्माण होते ही अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में जो बढ़ोतरी देखने को मिली है वो ऐतिहासिक है। इस साल जनवरी से जून के बीच लगभग 23 करोड़ पर्यटक अयोध्या आ चुके हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि साल के अंत तक पर्यटकों की संख्या का आंकड़ा 50 करोड़ पार कर जाएगा। अयोध्या को पर्यटक नगरी बनाने का श्रेय डबल इंजन सरकार को जाता है। सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास को लेकर गंभीर हैं।

अयोध्या विकास के क्षेत्र में बना रही है इतिहास
अयोध्या को पूर्ववर्ती सरकारों ने अछूता बना दिया था। वोटबैंक के लिए उन्होंने रामनगरी के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया था। लेकिन 2017 में उत्तर प्रदेश की बागडोर संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास को अपनी पहली प्राथमिकता में रखा। अयोध्या में दीपावली के अवसर पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन प्रारंभ हुआ। 2024 में श्रीराम मंदिर बनने के साथ साथ शहर के विकास का एक व्यापक खाका खींचा गया। 2031 तक मास्टर प्लान के तहत अयोध्या को हाईटेक सिटी के तौर पर विकसित कर दिया जाएगा।

2047 तक अयोध्या बनेगा एक वैश्विक आध्यात्मिक गंतव्य
अयोध्या को 2047 तक एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। जिस तरह प्राचीन काल में अयोध्या चमकती थी उसी तरह फिर इसके गौरव को वापस दिलाना है। इसी को ध्यान में रखते हुए अयोध्या को विकसित किया जा रहा है। 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित प्रदेश बनाना है। इसी तरह अयोध्या को भी विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए अयोध्या के विकास में ट्रीटमेंट, आयुर्वेद थेरेपी और प्रकृति-थीम वाली जीवन शैली को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन पर्यटकों पास शहर में लंबे समय तक रहने की क्षमता है उन पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए लग्जरी कॉटेज स्थापित किए जाएंगे। साथ ही जल क्रीड़ा, नदी क्रूज, हेलीकॉप्टर जॉयराइड और वैदिक और योग-आधारित प्रशिक्षण संस्थानों में शामिल होने के विकल्प भी होंगे।

आर्थिक पुनर्जागरण की साक्षी बन रही है अयोध्या
अयोध्या में विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार करीब 5,0000 करोड़ निवेश कर रही है। अयोध्या का विभिन्न क्षेत्रों में विकास करके इसे एक विश्व-स्तरीय शह बनाए जाने की योजना पर काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश का पर्यटन सेक्टर अगले कुछ वर्षों में 70,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें अयोध्या का योगदान लगभग 25% रहेगा। अभी पर्यटन गतिविधियों से शहर की अर्थव्यवस्था सालाना 8,000–12,500 करोड़ तक पहुंची है जिससे राज्य की आर्थिक वृद्धि में मदद मिल रही है।

उत्तर प्रदेश के विकास में अयोध्या का रोल अहम
अयोध्या ने पर्यटन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अयोध्या अभी अकेले लगभग 1.5% तक उत्तर प्रदेश की GSDP में योगदान कर रहा है। यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने की राह में अयोध्या की सीधी हिस्सेदारी है और निवेश और पर्यटन-ब्रांडिंग में इसकी हिस्सेदारी 100 फीसदी से ज्यादा है। राम नगरी केवल धार्मिक केंद्र नहीं रही, ये यूपी की नई सर्विस-इकॉनमी का सबसे चमकता हब बन चुकी है, जो विनिर्माण और कृषि आधारित विकास में अपना योगदान दे रही है।

विकास के साथ पर्यावरण का भी रखा जाएगा ध्यान
अयोध्या ग्रीनफील्ड टाउनशिप के तहत 1407 एकड़ में 2180 करोड़ रुपये की ज्यादा लागत से स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल टाउनशिप विकसित हो रही है। इस टाउनशिप योजना का विकास वैदिक प्रस्तार योजना के तहत हो रहा है। इसका उद्देश्य भविष्य में बढ़ने वाले पर्यटकों की संख्या और जनसंख्या दबाव को संतुलित ढ़ंग से प्रबंधित करना है। “राम वन गमन पथ” का निर्माण 4,403 करोड़ रुपये से हो रहा है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप प्रोजेक्ट 2,182 करोड़ से बन रहा है। शहर की जनसंख्या और भूमि उपयोग की योजना भी स्पष्ट है। अयोध्या शहर की वर्तमान आबादी लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक लगभग 24 लाख और 2047 तक लगभग 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।
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