अटल स्मृति इलेक्ट्रिक बस
जागरण संवाददाता, बरेली। गाजियाबाद, नोएडा डिपो से अटल स्मृति इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो चुका है, लेकिन बरेली रीजन में अभी इन बसों को नहीं मंगाया गया है। कारण यह है कि रीजन में अभी तक इलेक्ट्रिक बस का निर्माण ही नहीं हो सका है। हालांकि रीजन के लिए 30 इलेक्ट्रिक बसें आवंटित हैं, लेकिन अभी मंगाई नहीं गई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शहर में नगर निगम की ओर से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कराया जा रहा है। लंबी दूरी की प्राइवेट इलेक्ट्रिक बसें भी चल रही हैं, लेकिन मंगलवार को पुराना बस अड्डा तक गाजियाबाद डिपो की अटल स्मृति इलेक्ट्रिक एसी बस पहुंचने पर कौतुहल बना रहा। निगम की पहले से चल रही एसी बसों की अपेक्षा यह बस ज्यादा आरामदायक दिखाई पड़ी।
बता दें कि जिले से लखनऊ-दिल्ली के अलावा आगरा, उत्तराखंड के लिए नियमित बसों का संचालन किया जा रहा है। रूहेलखंड डिपो डिपो में 219 साधारण बसों के अलावा 21 एसी बसें भी चल रही हैं। इसी तरह बरेली डिपो में 214 सामान्य बसों के अलावा 19 एसी बसें चलाई जा रही हैं। निगम के उच्चाधिकारी आय बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहे हैं।
नई बसों के साथ एसी बसों का संचालन कराया जा रहा है। जनरथ एसी बसों का संचालन शुरू होने से निगम की तस्वीर बदली है। अब इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कराने की तैयारी की जा रही है। रुहेलखंड और बरेली डिपो के लिए मुख्यालय से 30 बसों का आवंटन भी कर दिया गया है। हालांकि अभी तक रीजन में कहीं चार्जिंग स्टेशन ही नहीं बनाया गया है।
पुराना बस अड्डा परिसर के पिछले हिस्से में चार्जिंग स्टेशन बनवाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है, लेकिन अभी मंजूरी नहीं मिली है। बदायूं डिपो में चार्जिंग स्टेशन बनवाने की प्रक्रिया तो पहले से चल रही है, लेकिन काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक रुहेलखंड डिपो अरुण कुमार वाजपेई ने बताया कि इज्जतनगर में नया बस अड्डा बन रहा है। पुराना बस अड्डा वहीं पर शिफ्ट हो जाएगा। पुराना बस अड्डा परिसर में चार्जिंग स्टेशन बन जाने के बाद ही इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू हो सकेगा।
यह भी पढ़ें- प्लांट तो ठीक होगा, पर मरीज कहां? बिना ICU और डॉक्टरों के कैसे काम आएगा ऑक्सीजन प्लांट? |