जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। पुलिस ने वर्ष 2025 मे साइबर ठगों के प्रमुख हथियार मोबाइल सिम और बैंक खातों पर प्रहार किया। पुलिस ने 2958 मोबाइल सिम बंद कराए, करीब 2100 बैंक खाते फ्रीज कराए और 73 आरोपितों को गिरफ्तार किया। जांच के बाद 3147 आइएमईआइ नंबर बंद कराए गए। पुलिस ने एक साल के भीतर साइबर ठगी के पीड़ितों की 18.5 करोड़ रुपये की रकम वापस कराई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस आयुक्त जे रविंदर गौड के मुताबिक साइबर अपराध में सिम सबसे अहम हथियार है। इसे निष्क्रिय करना जांच की पहली और सबसे प्रभावी कड़ी साबित हो रही है। हमने तकनीकी साक्ष्यों, शिकायत डेटा और ट्रांजेक्शन ट्रेल को जोड़कर ब्लाकिंग अभियान चलाया। जिससे साइबर ठगों की चेन कमजोर हुई है।
पुलिस जांच में सामने आया कि ठग अलग-अलग राज्यों से सिम एक्टिव कर सोशल मीडिया एड, फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफार्म, लोन ऐप, डिजिटल अरेस्ट और कस्टमर केयर की नकली हेल्पलाइन से ठगी को अंजाम दे रहे थे।
गिरोह एक ही सिम को कई कॉल के लिए उपयोग कर उसे बार-बार लोकेशन बदलकर चलाते थे, ताकि पकड़ से बच सकें। पुलिस ने टेलिकाम कंपनियों के साथ समन्वय कर ऐसे सिम बंद कराए और आगे की जांच को मजबूत बनाया। पुलिस ने अपील की है कि ठगी होने पर 1930 पर तुरंत सूचना दें और एनसीआरपी पोर्टल पर केस दर्ज कराएं। |