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ITR नोटिस या धमकी? 31 दिसंबर की चेतावनी पर आयकर विभाग की भाषा पर बवाल; यूजर्स बोले- ये तो सीधी-सीधी...

Chikheang 2025-12-29 21:27:23 views 967
  

ITR नोटिस या धमकी? 31 दिसंबर की चेतावनी पर आयकर विभाग की भाषा पर बवाल; यूजर्स बोले- ये तो सीधी-सीधी...



नई दिल्ली| जिन टैक्सपेयर्स ने अभी तक आईटीआर फाइल नहीं किया है, आयकर विभाग ने उन्हें \“फाइनल रिमांइडर\“ (ITR Reminder 2025) भेजते हुए चेतावनी (Income Tax Notice) दी है। जिसमें लिखा है कि, “अगर अब कार्रवाई नहीं हुई तो इसे जानबूझकर लिया गया फैसला माना जाएगा और मामला विस्तृत जांच के लिए चुना जा सकता है।“ नोटिस में साफ लिखा है कि 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयकर विभाग ने चेतावनी में क्या लिखा?

नोटिस के मुताबिक, 5 दिसंबर 2025 तक विभाग के पास मौजूद डेटा में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान महत्वपूर्ण लेन-देन दिखते हैं, जिनका विवरण 13/14 दिसंबर को ईमेल से भेजा गया था। आयकर विभाग ने आगे लिखा कि, “अब तक, हमने आपके ITR दाखिल न करने को एक गलती के रूप में माना है। अगर आप अब भी एक्शन नहीं लेते हैं तो हम इसे एक जानबूझकर की गई चॉइस मानेंगे।

इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके मामले को विस्तृत जांच के लिए चुना जाएगा। आपको 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड आईटीआर (Belated ITR Deadline) दाखिल करना आवश्यक है।“

यह भी पढ़ें- ITR Filing New Feature: ई-फाइलिंग पोर्टल पर शुरू हुई नई सुविधा, अब टैक्सपेयर्स को होगा ये बड़ा फायदा
सीए बोले- ये तो सीधी-सीधी धमकी है...

यहीं से शुरू होता है पूरा विवाद (Income Tax Controversy)। कर विशेषज्ञों और आम करदाताओं का कहना है कि नोटिस की भाषा सूचनात्मक कम और डराने वाली ज्यादा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चार्टर्ड अकाउंटेंट रुचिता वधानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि, “यह कोई नोटिस नहीं, बल्कि सीधी-सीधी धमकी“ है।


Another Threatening Intimation by @IncomeTaxIndia

This is not Intimation, This is Intimidation

Even after public outrage on language use by ITD , they made zero improvement and sent same notice again.

This feels like they are not demanding Tax but They demanding Extortion… pic.twitter.com/CVqmzPyK1a — CA Ruchita Vaghani (@R_N_Vaghani) December 29, 2025


उनके मुताबिक, सार्वजनिक आलोचना के बावजूद भाषा में कोई सुधार नहीं हुआ और डेटाबेस अपडेट किए बिना सामूहिक नोटिस भेजे जा रहे हैं, यहां तक कि उन्हें भी, जिन्होंने पहले ही बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर दिया है।

सीए वधानी का कहना है कि ऐसी भाषा और तरीके से ईमानदार करदाताओं में डर पैदा होता है और उन्हें अपराधी जैसा महसूस कराया जाता है। उन्होंने आयकर विभाग (Income Tax Department) से नोटिस की भाषा सुधारने और डेटा अपडेट करने की मांग की है।
यूजर्स ने और क्या-क्या लिखा?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर Mr. X in Bombay नाम के यूजर ने नाराजगी जाहिर की। यूजर ने लिखा कि, “ये सरकारी कर्मचारी हमसे वेतन लेने के बाद करदाताओं को धमका रहे हैं।“ वहीं, Jasjitt नाम के यूजर ने लिखा कि, “क्या यही है नया इंडिया? उन लोगों को परेशान करो, जिनकी वजह से देश चल रहा है। वेतनभोगी वर्ग का जमकर शोषण करो।“ Rooh Baba नाम के यूजर ने लिखा कि, “इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि भारतीय नौकरशाहों को सबसे बड़ा संस्थागत माफिया कहा जाता है।“

खैर, अब सोचने वाली बात यह है कि क्या आयकर विभाग की यह भाषा कितनी सही है और वो कब तक इसमें सुधार करेगा।
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